होठों पे मुस्कान हो, बंद दोनों कान हों, मूंछो पे बाल हों,जनानियों सी चाल हो, समझे इसे कौन?मान मौन! बेटा खुशहाल हो, माता भी निहाल हो, चोंरों कि कदमताल हो,सारे मालामाल हों, समझे इसे कौन? मान मौन! माया कि पुकार हो, ममता का आभार हो, मुलायम तनिक गौण हो,शरद कि भी मौन हो, समझे इसे कौन? मान मौन! सिंह पे सवार हो,हाथ में तलवार हो, दुश्मनों से प्यार हो,देश को फटकार हो, समझे इसे कौन? मान मौन! निति सारी फेल हो, खेल में भी खेल हो, रहा दंड पेल हो, वरना होगी जेल हो, समझे इसे कौन? मान मौन! बैठे सभी दलाल हो,कमा रहे माल हो, कोयले का कमाल हो,करो नहि सवाल हो, समझे इसे कौन? मान मौन! दंगे बलत्कार हों, चीख हो पुकार हो, मिले न रोजगार हो, सारे बेरोजगार हो, समझे इसे कौन? मान मौन! विदेशी आतंक हो,गाडे हुए डंक हो, देश परेशान हो, सारे ही हैरान हो, समझे इसे कौन?मान मौन!
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