पाकिस्तान से भागकर आते हिंदू: अत्याचार से पीड़ित या घुसपैठ की नई चाल?(जागरण जंक्शन फोरम)
badalte rishte
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आज आजादी के ६५ वर्ष के बाद भी पाकिस्तान वहाँ के हिंदुओं को अपने देश का नागरिक मानने से ही बचने का रास्ता ढूंढता नजर आता है वहीँ हिन्दुस्तान का बहुत बड़ा मुस्लिम वर्ग अपने आपको हिन्दुस्तानी कहने में शायद शर्मिन्दा मुहसुस करता है. इस समस्या पर कभी किसी भी राजनेता का बहुत ध्यान नहीं गया.हम जमीन के टुकड़े के लिए तो कई बार लड़ चुके हैं और कई बार वार्ता कर चुके हैं किन्तु कभी भी उभयामुलकों ने जीवित इंसानों के लिए कभी चर्चा करने में रूचि नहीं दिखाई. यदि इस बात का आजादी के बाद जल्दी ही निपटारा कर दिया जाता तो आज हमारी और पाकिस्तानी हिंदुओं कि समस्याओं का समाधान शायद निकल आता. किन्तु ऐसा हुआ नहीं.
मै कभी समझ नहीं पाया कि हिन्दुस्तान में जों वर्ग आये दिन पाकिस्तान के झंडे ले कर उधम मचाता है जों हिन्दुस्तान के विरुद्ध हो रहे आतंकवाद में कई बार इन आतंकियों को शरण देता है. कई बार देश कि ही रोटी खाकर इसके विरुद्ध आग उगलता रहता है. क्या कारण है कि इन लोगों को इनके समाज के वरिष्ठ जनों द्वारा कभी समाज से बेदखल करने कि बात नहीं होती कभी समाज इन पर कोई जुर्माना नहीं करता कोई फतवा इनके विरुद्ध जारी नहीं होता. खैर चलो ये हमारे देश कि समस्या है और अभी तक यहाँ से कम से कम किसी को इस बात के लिए पलायन नहीं करना पड़ा कि उस पर यहाँ किसी अन्य धर्म के लोगों द्वारा कोई जुल्म किया जाता हो.और जिन पर एक ही धर्म के होने पर भी छोटी बड़ी जात के आधार पर जुल्म हो रहे हैं वे बेचारे जाना भी चाहें तो जाएँ कहाँ.
बात जब पकिस्तान से आ रहे हिंदुओं कि है तो हमारी पूरी आत्मीयता उन लोगों के साथ है.वे मेहमान बनकर आयें हम स्वागत करते हैं उनका.वे यदि चाहें तो हमारी सरकार को भी आगे बढ़कर उनकी मदत करनी ही चाहिए. क्योंकि वे हताशा में यदि किसी से मदत कि उम्मीद करेंगे तो वह भारत ही है और यह गलत भी नहीं है. किन्तु वह यदि पलायन करके भारत में ही बस जाना चाहते हैं तो वह इस मुल्क के साथ ही उनके खुद के साथ भी बड़ी ज्यादती होगी.आज जैसे ही इस तरह पलायन करके हिन्दुस्तान आने वाले हिंदुओं कि संख्या में इजाफा हुआ देश में कई तरह कि चर्चाओं ने जन्म ले लिया कोई उन्हें पाकिस्तान से गुपचुप आ रहे आतंकवादियों कि तरह देख रहा है तो वहीं कोई इसे देश के लिए ख़तरा बता रहा है. इसलिए बेहतर होगा कि भारत कि सरकार पाकिस्तान पर इस बात के लिए भी दबाव बनाए कि पाकिस्तानी सरकार वहाँ के हिंदुओं कि सुरक्षा के अतिरिक्त इंतजाम करे. मानवाधिकार और अन्य कई संगठन है जिनके सम्मुख इस बात को उठाया जाए कि इस तरह कि घटनाओं पर जब तक रोक सुनिश्चित नहीं हो जाती पाकिस्तान पर आर्थिक और अन्य प्रतिबन्ध लगाए ताकि बह अपने देश के सारे हिंदुओं कि सुरक्षा पर ध्यान देने के लिये मजबूर हो.यही इस बात का सही हल होगा. क्योंकि आज जिस तरह से देश आतंकवाद से जूझ रहा है ऐसी परिस्थिति में गलतफहमी से भी यदि कोई सम्प्रदाय इन हिंदुओं पर शक या किसी प्रतिद्वंदिता के आधार पर यदि हमला कर देगा तो वह देश के लिए बड़ी ही बदनामी का विषय होगा.और यदि पलायन कर आये हिंदू यहाँ ठीक से अपनी आजीविका नहीं प्राप्त कर पाये तो वे अब तक पाकिस्तान में मोहाजिर हैं फिर वे हिन्दुस्तान में भी मोहाजिर ही हो जायेंगे.
इसलिए मुझे जो उपयुक्त हल नजर आता है वह इनकी वापसी ही है. इसके लिए भारत के साथ कि विश्व के अन्य रसूखदार देश पाकिस्तान पर दबाव बनाएँ. पाठकगण आवश्यक नहीं है इससे सहमत ही हों वे अपनी निष्पक्ष राय रखें.
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