Menu
blogid : 5350 postid : 128

मनोरंजन और मायाजाल के एक और दौर का अन्त.

badalte rishte
badalte rishte
  • 64 Posts
  • 3054 Comments

                                                और फिर ख़त्म हो गया कौन बनेगा करोडपति का एक और दौर.जब सर्व प्रथम कौन बनेगा करोडपति का गेम शो हमारे देश में टीवी चेनल पर प्रसारित हुआ था तो रामायाण सीरियल के बाद पहलीबार था की शहर का ट्राफिक सुस्त हो गया था अन्य सभी चेनल वालों में हाहाकार मच गया था. दूरदर्शन तो आज तक अफ़सोस कर रहा है क्योंकि सर्व प्रथम इस गेम शो के प्रसारण के लिए दूरदर्शन से ही संपर्क किया गया था.किन्तु दूरदर्शन के तात्कालिक निदेशक द्वारा नैतिकता का हवाला देकर इस शो को प्रसारण की अनुमति नहीं दी गयीथी.

                                                                    कौन बनेगा करोडपति के पहले दौर की सफलता से प्रभावित हो कर कई अन्य गेम शो भी चेनलों पर आये, कभी पुरस्कार राशी भी अधिक रखी गयी और कभी करोडपति शो के संचालन के लिए शाहरुख़ खान को भी लाया गया.किन्तु कोई भी उस उंचाई तक नहीं पहुँच सका जहां इसे सदी के महानायक अमिताभ बच्चन ने ले जाकर छोड़ा था. अब सभी बच्चन जी का लोहा मानने लगे थे.                                                                              पुनह बच्चन जी द्वारा अगस्त में कौन बनेगा करोडपति के एक और दौर की शुरुआत की गयी. मैंने अब तक इस शो के जितने भी दौर देखे ये दौर उनसे बहुत ही भिन्न था. हाँ बच्चन जी की गरिमामयी वाणी तो वही थी जो बच्चों से बूढों तक को हरपल बाँध कर रखने में सक्षम है. बच्चे, बड़े,महिला,पुरुष सभी से उनके बातें करने का लहजा उनकी शालीनता का परिचायक रहा है. और कुछ उनकी विशेष शैली जो गेम में किसी प्रश्न का जवाब ना आने या अधिक रुपया ना जीत पाने पर भी प्रतियोगी को निराश नहीं होने देती है. गेम शो के इस बार के दौर के बारे में ख़ास बात जो मै कहना चाह रहा हूँ, वह ये है की इस बार जो प्रतियोगी चुने गए थे शायद उनकी काबिलियत से ज्यादा उनकी आवश्यकता को ध्यान में रखकर के चुना था. मै ये नहीं कह रहा सब को उनकी गरीबी देख कर ही चुना था. क्योंकि इसमें तो जिला देवास (म.प्र.) से महिला प्रतिभागी शामिल हुई थीं वो शायद तहसीलदार के पद पर कार्यरत हैं. शायद उनका चयन महिलाओं में आगे बढ़ने की जाग्रति के किया गया था. एक बोहरा समाज के युवक का चयन किया गया था जो किसी दुर्घटना के कारण कुछ भी कार्य करने में अक्षम था. एक महिला ऐसी भी आयी थीं जो ना हिंदी ठीक से जानती थी ना ही अंग्रेजी.एक मुस्लिम महिला का भी चयन किया गया था जो कपडे सिल कर अपने परिवार का गुजारा कर रही थी. ये सभी प्रतियोगी इस गेम शो से लाखों रुपये जीत कर ले गए, और हमने सुशिल कुमार को भी देखा जो गेम शो की अधिकतम राशि पांच करोड़ रूपये लेकर के गए और अन्त में हमने उस दंपत्ति को भी देखा जो दमोह से आये थे मजबूरी के कारण जहां पति ने घर की जवाबदारी सम्हाली थी और पत्नी मात्र दो हजार रुपया मासिक पर शिक्षिका की नौकरी कर रही थी मगर वह भी इस गेम शो से पच्चीस लाख रुपयों की एक बड़ी रकम जीत कर गयी.

                           इस शो में ऐसा लग रहा था जैसे निर्माता ने निश्चय कर लिया था की जिसकी जैसी जरुरत होगी उसको उतना रुपया अवश्य ही दिया जाएगा.उनकी इस सोच को मै सलाम करता हूँ और कामना करता हूँ की ऐसे शो की उम्र दराज हो. हमारी सरकारें भी यदि इससे सबक ले कर जरुरतमंदो के लिए उनकी प्राथमिकता के क्रम से उनकी मदत कर सके तो ये महान उपलब्धि होगी.

Read Comments

    Post a comment

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *

    CAPTCHA
    Refresh